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अगर वो एक मैराथन रनर है तो एक सुपर सेक्स लाईफ के लिए तैयार हो जाईए

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क्या आप सुपर सेक्स लाईफ के लिए तैयार हैं?

विकासपरक नज़रिए से देखा जाए तो जिन पुरुषों का “प्रजनन सामर्थ्य” ज्यादा होता है वो बेहतर धावक होते हैं और पुराने ज़माने में महिलाएं पुरुषों के साथ सहवास के लिए इसी बलिष्ठ स्वभाव को तवज्जो देती थी। ये हम नहीं एक शोध कहता है।

हॉरमोन एक्सपोज़र के लिए अंगुली की लंबाई को चिह्नक बनाते हुए मैराथन धावकों पर किया गया ये शोध दर्शाता है कि जो लोग कोख में ज्यादा टेस्टोस्टेरोन हॉरमोन की उपलब्धता में विकसित हुए हैं, वो दौड़ने में भी माहिर होते हैं।

शोध के प्रमुख लेखक, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के डैनी लॉन्गमैन कहते हैं कि, “मर्दों की बेहतर दौड़ने की क्षमता प्रजनन सामर्थ्य से जुड़ी है। इस अवलोकन का तात्पर्य है कि प्राचीन काल में महिलाएं पुरुषों की बेहतर दौड़ने की क्षमता को अच्छे प्रजनन कारक के रूप में देखती थी”।

शोधकर्ता आगे कहते हैं कि उस ज़माने में महिलाओं का सहवास के लिए ऐसे बलिष्ठ धावकों को चुनना इसलिए भी हो सकता है क्योंकि उस वक्त “पर्सिस्टेंस हंटिंग” – शिकार को थका-थका कर मारना-  भोजन हासिल करने का प्रमुख तरीका था।

“ये माना जाता था कि एक बेहतर शिकारी ज्यादा शिकार लाएगा, और इस ज्यादा शिकार के कारण उसका परिवार स्वस्थ्य और बड़ा होगा। हालांकि उस दौर के शिकारियों ने समतावादी प्रणाली या सामानता के सिद्धांत का भी इस्तेमाल किया हो सकता है, जैसा कि हम आज के जनजातीय लोगों में देखते हैं”।

“इस लिहाज़ से देखा जाए तो ज्यादा मीट या शिकार कारक नहीं है, लेकिन ज्यादा मीट लाने की क्षमता का संबंध पुरुष की बलिष्ठता या धावकक्षमता, उसकी बुद्धि से जुड़ा है”। लॉन्मैन कहते हैं, “ये सारे गुण अपने बच्चों में भी चाहते थे”।

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