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5 वजहें तजुर्बा सांसारिक सुख से ज़्यादा ख़ुशी देता है

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आपको एक डब्बे के दो खानों में से किसी एक को चुनना है…

एक खाने में जहां एक तरफ बेशकीमती ज़ेवरात है वहीं दूसरे में पूरी दुनिया घूमने के दो टिकट हैं। आप इनमें से क्या चुनेंगे?

जा़हिर है ज़ेवरात बेशकीमती हैं और अगर आप इसे चुनते हैं तो अपने दोस्तों से जब अगली बार मिलेंगे तो पूरी लाईमलाईट आप पर रहेगी। सारे आपकी तारीफ करेंगे। लेकिन उसके बाद क्या? क्या आप अपने अगले फंक्शन पर भी यही ज्यूलरी पहनेंगे? क्या आपमें इस ज्यूलरी को लेकर वो एक्साईटमेंट, वो जोश पहले ही की तरह होगा? सोचिएज़रा ज़ोर लगा कर सोचिएऔर अगर आप वर्ल्ड टूर की ऑपशन चुनते हैं तो आपको क्या मिलेगा?

आपको मिलेगा पूरी दुनिया घूमने का मौकाऐसी जगहें देखने का मौका जो आपने अपनी ज़िंदगी में पहले कभी नहीं देखी होंगी। एक नया तजुर्बा, नए लोग, नई कहानियांवो सब कुछ आपके साथ महज़ हफ्ते, दो दिन तक नहीं रहेगा, बल्कि जो आपके ज़हन में ताउम्र बस जाएगाआपका तजुर्बा भले ही कैसा भी हो। आप जिससे भी मिलेंगे उसके साथ ये पल सांझा करेंगेकभी भी, कहीं भी।

रिसर्च बाताती है कि जो लोग तजुर्बा हासिल करते हैं वो उन लोगों से कहीं ज्यादा खुश रहते हैं और लंबा जीवन बिताते हैं जो भौतिक सुखों के पीछे भागते रहते हैं। 

आईए जानते हैं कैसे:

1. भौतिक खरीददारी का एक सीमित थ्रिल फैक्टर होता है

जब हम अपनी जेब से क्रेडिट कार्ड निकालकर अपने लिए मनचाहे जूते, कपड़े, बैग वगैरा खरीदते हैं तो हमारे अंदर खुशी की एक लहर सी दौड़ जाती है। लेकिन उसके बाद क्या?  इन्हें आप कुछ देर पहनते हैं और अगले कुछ ही दिनों में आप इनसे ऊबने लगते हैं। और एक बार फिर नई शॉपिंग के लिए खुद को तैयार करने लगते हैंहै कि नहीं?

2. नए तजुर्बे आपके दिमाग में नई सोच भर देते हैं

तजुर्बा किसी भी इंसान के सोजने का तरीका और जीवन के प्रति उसके नज़रिए को पूरी तरह से बदल सकता है। वो उसे एक नई ज़िंदगी दे सकता है। आप कैसे आजतक अपना जीवन जीते आए हैं और कैसे आगे जिएंगे, ये सब आपके तजुर्बों पर निर्भर करता है। कई चीज़ों से आपका तार्रुफ आपके जीवन को और उपयोगी बना सकता है और आपका लाईस्टाईल भी पॉज़िटिव हो जाता है। नई दिनचर्याएं, नई भाषाएं, नए चेहरे हमें अपने रोज़मर्रा की दौड़भाग से दूर ले जाते हैं और वैज्ञानिक तौर से देखा जाए तो ये हमारे दिलोदिमाग के लिए भी लाभकारी है। वैसे इसके लिए एक टर्म भी है.. न्यूरॉबिक्सअगर ज्यादा जानना चाहते हैं तो इसे गूगल करिए

3. तजुर्बों पर किया गया खर्च सही मायनों में निवेश है

अगर आपकी पिछली यात्रा का तजुर्बा बेहद खराब रहा हो तो फिर भी आपको कुछ सीखने को ही मिला होगा। आपने अपने जीवन का सबसे बेस्वाद खाना खाया है तो भी चलेगा…. क्या पता आप किसी से बात ही न कर पाए हों क्योंकि आपको उनकी भाषा समझ नहीं आई, लेकिन आप उनकी भाषा के कुछ छोटेमोटे लफ्ज़ ज़रूर याद रखेंगे और जब अपने दोस्तों से मिलेंगे तो अपना तजुर्बा बढ़चढ़ के सुनाएंगेअरे वाह!!!!! तुम तो फॉरनर ही हो गए…!!!!

4. खपत से और खपत होती है

ये पापी चक्र है। हर खरीद के साथ आपको और ज्यादा चाहिए। आपने अभीअभी अपना क्रेडिट कार्ड स्वाईप कर अपनी पसंदीदा घड़ी खरीद लीलेकिन ठहरोरुकोअरे यार दे दूसरी घड़ी भी तो मस्त है…!!! मन तो इसे खरीदने का भी है!!! पिछली घड़ी की खुशी खत्म और नई की तमन्ना चालूअब ध्यान सिर्फ नई घड़ी पर हैजो खरीदी है वो शायद कलाई पर पहनी भी ना हो 

लेकिन जब आप क्रिकेट मैच या फिर किसी प्ले का टिकट लेगें तो उसकी उत्तेजना घड़ी खरीदने या नए कपड़े खरीदने से ज्यादा होगी। भौतिक खरीद आपको ज्यादा देर खुश नहीं रख सकतीं। चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रातलेकिन तजुर्बे आपको चार दिन की चांदनी ही नहीं, जिंदगी भर की रौशनी भी देते हैं.

5. तजुर्बा सिर्फ देता है, लेता कुछ नहीं

आखिरी में तजुर्बे ही हमें लोगों के करीब ले जाते हैं। खुशी सिर्फ नई चीज़ें खरीदना ही नहीं है। अगर आप शॉपिंग करना चाहते ही हैं तो उन चीज़ों पर खर्च कीजिए जो आपकी अलमारी को भरने की जगह आपकी जिंदगी को तजुर्बों से भर दें। भौतिक सुख ना ही सिर्फ दो दिन के लिए रहते हैं, बल्कि दूसरों की जलन का कारण भी बनते हैं। अपने तजुर्बे बांटोनए दोस्त पक्का मिलेंगेअपार खुशियां भी

अब क्या सोच रहे होवो टिकट उठाओ और पैकिंग शुरू करो…!!!!!

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